बिहार के मोतिहारी जिले में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोगों का इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। वहीं आस-पास वालों का कहना है कि इन सभी ने एक साथ शराब पी रखी थी। जिसके कारण इनकी तबीयत इतनी ज्यादा खराब हुई। बता दें कि बिहार को साल 2016 में ही ड्राई स्टेट घोषित कर दिया गया है। लेकिन शायद ही ऐसा कोई जिला होगा जहां अवैध रूप से शराब की बिक्री नहीं होती होगी। आये दिन शराब पीकर मौत होने की खबरें आती रहती है। लेकिन इसका असर न ही शराब पिने वाले और न ही बेचने वाले लोगों पर होती है। बिहार में भले ही शराब बंदी को लेकर कड़े कानून बने हो लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर होते नहीं दिख रहा है।
मोतिहारी में हुए शराब कांड मामले में वहां के पुलिस और प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रही हैं। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि सभी डायरिया और फूड पॉइजनिंग के शिकार थे। जबकि शराब पीकर मरने वाले 7 लोगों के शव को उनके परिवार वालों ने बिना पोस्टमार्टम के ही जला दिए। वहीं इसी पार्टी शामिल एक व्यक्ति के अनुसार सभी को गेहूं कटनी करने के लिए बुलाया गया था। वहां काम करने के बाद सभी ने एक साथ शराब पिया। जहां से घर जाने के बाद रात को सभी की तबियत बिगड़ने लगी और कई लोगों की एक एक करके मौत होनी शुरू हो गई। वहीं शनिवार सुबह मौत का यह आंकड़ा 13 पहुंच गया। जबकि कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है जिनका इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।
वहीं जिले के अधिकारी जिले में लगातार हो रहे मौत मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हालांकि डीएम और एसपी ने बताया कि जांच में जो सामने आया है, डायरिया और फूड पॉइजनिंग सामने आया है।
बता दें की बिहार में शराब बंद हुए लगभग 7 साल हो चुके हैं। बिहार में मद्य निषेध उत्पाद कानून बनाया गया। जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति शराब पीते हुए पकड़ा गया तो उसे 10 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही मिलावटी शराब या अवैध शराब बेचते पकड़े जाने पर अब आजीवन कारावास और दस लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है।