चिराग पासवान की विकट परिस्थितियों में साये की तरह साथ रहने वाले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के आक्रामक युवा दलित नेता अमर आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अमर विधानसभा चुनाव 2020 में बोचहां से चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवार रहे थे।
कुछ दिन पहले अमर आज़ाद राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मिले थे, उसके बाद से ही उनके लोजपा छोड़ने के कयास लगाये जा रहे थे। ऐसा माना जा रहा था कि वे प्रशांत किशोर के जन सुराज से जुड़ेंगे, पर उन्होंने अनिल कुमार की जनतांत्रिक विकास पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया है। 15 जून के वे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जे.वी.पी. से जुड़कर राजनीति की नई शुरुआत करेंगे।
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अमर आज़ाद ने क्या कहा
फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर अमर आज़ाद ने लोजपा छोड़ने की वजह बतायी है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि “मैंने सिर्फ और सिर्फ राजू तिवारी के कारण पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है क्योंकि राजू तिवारी जी दलित विरोधी और मनुवादी सामंती प्रवृत्ति का व्यक्ति है।”
उन्होंने आगे लिखा कि “आशीर्वाद यात्रा के दौरान नालंदा जिला में कार्यक्रम था मेरे गाँव मे भी आदरणीय बड़े भाई एवं पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष चिराग पासवान जी का कार्यक्रम होना था और हुआ भी मगर राजू तिवारी जी नहीँ चाहते थे कि मेरे घर पर चिराग पासवान जी का कार्यक्रम लगे।”
“कार्यक्रम तो हुआ मगर जब मेरे गाँव के मोड़ पर काफिला पहुँचा तो पहले से ही षडयंत्र कर दुसाध जाति को लड़वाने का खेल खेला जा चुका था। आधे घण्टे तक काफिला रुका रहा। वहाँ गोली तक चल सकती थी मगर मैंने स्कोर्ट को बोला कि तय कार्यक्रम और तय रूट मैप के अनुसार ही कार्यक्रम होगा उस समय मेरी बहस राजू तिवारी जी के साथ हुई और मैंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि अगर काफिला दूसरे तरफ मुड़ा तो कार्यक्रम नहीँ होगा।”
“फिर श्री चिराग पासवान जी ने कहा कि जहाँ कार्यक्रम है पहले वहाँ चलो 2 पुलिस की गाड़ी और चिराग भैया की गाड़ी स्टेज तक पहुँचा मगर राजू तिवारी जी जो भैया के साथ बैठे थे गाड़ी से उतरकर और भी कई गाड़ियों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के पीछे या साथ ना चलकर दूसरी और चल पड़े । कहानी और भी है……..”
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कौन है राजू तिवारी?
अमर आजाद ने चिराग पासवान का साथ छोड़ने के लिए सबसे अधिक जिम्मेवार राजू तिवारी को बताया है। राजू तिवारी को 2021 में चिराग पासवान ने अपनी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2015 में गोविंदगंज से लोजपा की टिकट पर विधायक बने थे लेकिन 2020 में चुनाव नहीं जीत सके।
राजू तिवारी बाहुबली राजन तिवारी के बड़े भाई हैं। राजन तिवारी ने 2000 में गोविंदगंज से निर्दलयी चुनाव जीता था।
फेसबुक पोस्ट लिख कर हुए अलग
फेसबुक पोस्ट में अमर आजाद ने कई शिकायतें लिखी है। उन्होंने लिखा कि “2021 में जब मैंने पूरे बिहार के अम्बेडकर कल्याण छात्रावास और दलित छात्रों की छात्रवृत्ति की मांग को लेकर आंदोलन किया और जेल गया तो राजू तिवारी जी के षडयंत्र के कारण पार्टी ने कोई एक्शन नहीँ लिया।”
“जब पार्टी टूट रही थी तो मुझसे जितना बना आंदोलन किया लाठी खाया जेल गया पूरे बिहार के दलित युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम किया मगर सभी दलित युवाओं को इग्नोर किया गया। जेल जाने और बीमार रहते हुए 8 महीने तक पार्टी निर्णय का इंतज़ार करता रहा मगर पार्टी ने मुझे राजू तिवारी के इशारे पर दरकिनार करने में कोई कसर नहीँ छोड़ी।”
अपने फेसबुक पोस्ट में अमर लिखते है कि “मैं समाज के लिए काम करने वाला दलित समाज का गरीब बेटा हूँ भले ही मेरे पास औरों की तरह गाड़ी बंगला और पैसा नहीँ है मगर बाबा साहब अम्बेडकर और श्री रामविलास पासवान जी के पदचिन्हों पर चलने का हौशला रखता हूँ। आदरणीय श्री चिराग पासवान जी आप और आगे बढ़े मेरी यही कामना है”
जब बोचहां विधानसभा से श्रीमती बेबी कुमारी जी ने पार्टी का टिकट वापस कर दिया तब आपने मुझे श्री सौरभ पांडे जी के कहने पर टिकट दिया इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
अमर आजाद ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा है कि “आपका साथ छोड़ना नहीँ चाहता था मगर एक व्यक्ति के व्यवहार ने मुझे आपसे अलग करवा दिया , आपको भी मैंने रो रो कर सारी बात बताई मगर आपने भी ध्यान नही दिया क्योंकि मैं एक गरीब दलित हूँ। जय भीम जय बाबा चौहरमल”
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