नई शिक्षक नियमावली से नाराज नियोजित शिक्षक संघ ने सरकार को 24 घंटे की मोहलत दी है। उन्होंने सरकार से राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की है। वहीं उन्होंने यह भी कहा है की नई नियमावली वापस नहीं लेने पर वो जातीय जनगणना का बहिष्कार करेंगे।
बता दें की नीतीश सरकार की कैबीनेट बैठक में नई शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। शिक्षा विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। नई नियमावली के अनुसार पहली कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली बीपीएससी द्वारा होगी। वहीं अब बिहार में शिक्षक बहाली की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग की होगी। इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी सिर्फ 3 बार ही शामिल हो सकते हैं।
बता दें की इस नई नियमावली के आते ही टीईटी और एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। बिहार के विभिन्न जिलों में इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं नियोजित शिक्षक संघ ने सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की भी मांग की है और कहा है की अगर ऐसा नहीं होता तो वो बिहार में होने वाली जातीय जनगणना का भारी तौर पर विरोध करेंगे और इसमें शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है की जब की शिक्षकों के अधिकार और वेतन वृद्धि की बात सामने आती है तो वो नई नियमावली को थोप देते हैं।
बता दें की बिहार में 15 अप्रैल से जातीय जनगणना का दूसरा दौर शुरू होने वाला है जो 15 मई तक चलेगा। जिसके तहत लोगों के घर-घर जाकर कई तरह के सवाल पूछे जाएंगे और इसकी जिम्मेदारी बिहार के शिक्षकों को दी गयी है। वहीं शिक्षकों के इसका विरोध करते हुए खुद को इससे अलग करने का फैसला किया है। और कहा है किबिहार सरकार शिक्षकों को ठगने का काम करती है लेकिन इस बार वो चुप नहीं बैठेंगे।