थाने में पुलिस ने इतनी बेरहमी से मारा कि जज के सामने दम तोड़ दिया बोरा माँझी

रुबिल देवी जब थाने जाती हैं तब उनका पति बोरा माँझी उनसे कहता है कि “पुलिस ने हमको इतना मारा है कि हमारा पैखाना-पेशाब रुक गया है। अब हम नहीं बचेंगे।” जिसके बाद रुबिल देवी पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहती हैं कि “हमारे पति को छोड़ दो, हम इसका इलाज करवा लाते है तब तक हमरा बड़का बेटा को थाना में रख लो।”

रुबिल देवी की तरफ से अपने पति और परिवार को बचाने का यह आखिरी प्रयास रहा क्योंकि इसके बाद बोरा माँझी को न्यायालय ले जाया जाता है जहां वह बयान देता है कि पुलिस ने उसे बेरहमी से मारा है और फिर वहीं दम तोड़ देता है….

क्या है पूरा मामला

बोरा माँझी के परिवार वालों ने बताया कि 4 जून की शाम के 7 बजे स्थानीय चौकीदार के साथ शाहपुर थाने से कुछ पुलिस वाले शराब की तलाश में नवादा जिले के बोझवां गाँव में पहुँचते हैं। पुलिस जब बोरा माँझी के घर में घुस कर शराब तलाश रही थी तब बोरा की उनसे बहस हो जाती है। उनकी पत्नी ने बताया कि माँझी ने बहस के दौरान पुलिस वालों से कहा कि ‘अगर हमारे यहाँ दारु बनता है तो जाओ खोज लो’। जिसके बाद पुलिस वालों ने उसे अपनी गाड़ी में बिठा लिया और थाने ले गये।

रुबिल देवी
रुबिल देवी | बोरा माँझी की पत्नी

पुलिस की मंशा पर संदेह क्यों?

मीडिया में पुलिस का जो बयान चल रहा है उसके अनुसार शाहपुर थाने को सूचना मिली थी कि बोझवां सामुदायिक भवन के पास कुछ लोग हंगामा कर रहे है। पुलिस वहाँ पहुँचती है और बोरा माँझी और उसके भाई को पकड़ लेती है। पुलिस के अनुसार बोरा माँझी ने शराब पी रखी थी।

हंगामे की सूचना पर पुलिस बोझवां गाँव पहुँच जाती है! जहां उसे दो लोग हंगामा करते हुए पकड़ा भी जाते है! उन्हें पकड़ने के बाद पता चलता है कि उन्होंने शराब भी पी रखी है! पुलिस का ये बयान अपने आप में ही कागजी और गुमराह करने वाला लगता है। बोरा के परिवार वाले इस बात की ठोस पुष्टि करते है।

बोरा के परिवार वालों ने जो बताया उसके अनुसार पुलिस वहाँ हंगामे की सूचना पर नहीं बल्कि शराब की खोज में पहुँची थी।

बोरा की पुलिस वालों से बहस होती है। जिसके बाद पुलिस उसके घर में घुस कर शराब ढूँढती है। शराब नहीं मिलता, इसके बावजूद भी पुलिस वाले उसे बुरी तरह पीटते है और थाने ले जाते है।

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नहीं मिला न कुछ!

वासुदेव माँझी नाम के स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि “जब पुलिस वालों को उनके घर में शराब नहीं मिला तब बोरा ने पलट कर कहा कि ‘नहीं मिला न कुछ’। बोरा माँझी की ये बात पुलिस वालों को तंज की तरह लगी और वो गुस्से में आ गये। परिवार में अकेले कमाने वाले बोरा को पुलिस वाले बुरी तरह पिटने लगे। बोरा को पीटते देख आसपास के छोटे बच्चे और महिलाएँ जब उसे बचाने गयी तो पुलिस वालों ने उन्हें भी मारा।”

वासुदेव माँझी
वासुदेव माँझी | स्थानीय ग्रामीण | बोझवां, नवादा

एक अन्य ग्रामीण रामाशीष माँझी ने स्पष्ट बताया कि “पुलिस जब घर में घुस रही थी तब बोरा माँझी ने विरोध करते हुए कहा कि उसके घर में शराब नहीं बनता। जिसके बाद पुलिस से बहस हुई। महिलाओं को भी पीटा जाने लगा तब बोरा ने फिर से विरोध किया जिसके बाद पुलिस वाले गुस्से में आ गये और उसे बुरी तरह पिटने लगे।

रामाशीष माँझी
रामाशीष माँझी | स्थानीय ग्रामीण | बोझवां, नवादा

महादलितों के घरों में अक्सर घुस जाती है पुलिस

एक स्थानीय ग्रामीण महिला ने बताया कि “पुलिस वाले शराब ढूँढने के नाम पर अक्सर उनके घरों में घुस जाते है और टोकने पर गंदी-गंदी गालियाँ देते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि “घर में घुसने पर जो भी शाहपुर पुलिस को टोकता है उसे पकड़ लिया जाता है और बुरी तरह मारा जाता है।”

ग्रामीणों के अनुसार हर दो-चार दिनों के बाद ऐसा ही होता है। पुलिस आती है, शराब खोजती है। मारपीट करती है, गालियाँ देती है और जब शराब नहीं मिलता तो गुस्से में टोकने वाले को ही पकड़ के ले जाती है।

स्थानीय ग्रामीण महिला
स्थानीय ग्रामीण महिला | बोझवां, नवादा

पुलिस की पिटाई से बाधित हुई मल-मूत्र की नली

बोरा की गिरफ़्तारी के अगले दिन 5 जून को जब रुबिल देवी शाहपुर थाना पहुँचती हैं तब बोरा की हालत गंभीर दिखाई पड़ती है। वह कहता है कि ‘पुलिस ने इतना मारा है कि पैखाना पेशाब रुक गया है। अब नहीं बचेंगे।’ नियम-कानून की बहुत अधिक जानकारी नहीं रखने वाली रुबिल देवी पुलिस वालों से पति के बदले बेटा को रख लेने की बात कहती है ताकि बोरा का इलाज करवाया जा सके।

जज के सामने बयान देकर मर गया बोरा माँझी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 5 जून को ही बोरा को न्यायालय में पेश किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने बयान देते हुए बोरा माँझी ने बताया कि पुलिस ने उसे बहुत मारा है। जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोरा को उल्टी हुई और तुरंत ही प्राण निकल गये।

शराबबंदी के नाम पर दलित-महादलित बस्ती में पुलिस की बर्बरता का ये कोई पहला मामला नहीं है। एसपी गौरव मंगला ने बोरा माँझी के मामले में न्यायिक जाँच की बात तो कही है लेकिन यह देखना होगा कि आखिर उसके परिवार को न्याय मिलता है या नहीं……

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