कांग्रेस विधायक ने ‘मन की बात’ को लेकर कह दी बड़ी बात, पीएम पर साधा निशाना

भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने ‘मन की बात’ पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलवामा हमले को लेकर विवादित बयान दिया है। शर्मा ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए पुलवामा में सैनिकों को मरवा चुके हैं ये लोग। अब 2024 का चुनाव सामने है, फिर सैनिकों की हत्या करवाकर राजनीति करेंगे।

बिहार की सियासत आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र काफी गर्मायी हुई नज़र आ रही है। सीएम नीतीश कुमार भी विपक्ष को एकजूट करने में लगे हुए है और अलग-अलग राज्यों के नेताओं से मिलकर विपक्ष को मजबूत करना चाहते है। इसी बीच 30 अप्रैल को मन की बात का 100 वां एपिसोड प्रसारित हुआ। इसी बीच कई राजनीतिज्ञों द्वारा पीएम मोदी पर निशाना भी साधा जा रहा है।

वहीं बिहार में कांग्रेस ने इसे लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी तो सत्ता के पहले से ‘मन की बात’ बोल रहे हैं। उन्होंने रोजगार देने की बात कही थी। ‘मन की बात’ का उल्टा असर पड़ा। उन्होंने पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा ”चुनाव जीतने के लिए पुलवामा में सैनिकों को मरवाते हैं ये भी आपके मन की बात है। 2024 के पहले फिर आप इसी तरह कीजियेगा चाहे सैनिक की हत्या करवाइयेगा। मन की बात जनता जानती है। साल 2024 में जवाब मिलेगा।”

उन्होंने आरोप लगाया कि न तो वे बेरोजगारी खत्म कर पाए और न ही महंगाई, उल्टे गरीबों के मुंह से निवाला छीन लिया। अजीत शर्मा ने कहा ”वह चुनाव के समय एक बार पुलवामा में सैनिकों को मरवाने का काम किए हैं। अब 2024 का चुनाव सामने है फिर सैनिकों को मौत के घाट उतार कर वह राजनीति करेंगे उससे भी संभव नहीं होगा तो वह हिंदू मुस्लिम को लड़ा कर अपनी वोट बैंकिंग को मजबूत करने का काम करेंगे यह कहीं से सही नहीं है।”

अजीत शर्मा के बयान पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेसी भाषा की मर्यादा तोड़ रहे हैं और जो भी प्रधानमंत्री को अपशब्द कहेगा शहीदों का अपमान करेगा देश का अपमान करेगा उसको देश की जनता माफ करने वाली नहीं है। पीएम मोदी और सैनिकों का अपमान करने वालों को देश की जनता जवाब देगी।

बता दें की पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात के 100 वें एपिसोड का प्रसारण 30 अप्रैल को किया गया है। जिसे देश भर में अलग-अलग भाषाओं में रेडियों तथा अन्य माध्यमों द्वारा सुनाया गया। यह एपिसोड टीवी चैनलों, निजी रेडियो स्टेशनों और सामुदायिक रेडियो सहित एक हजार से अधिक प्लेटफॉर्म पर ब्रॉडकास्ट किया गया।