बिहार में ओवैसी के चार विधायक राजद में शामिल

बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राजद ने AIMIM के चार विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इसी के साथ राजद फिर से बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। इससे पहले भाजपा मुकेश सहनी की VIP पार्टी के तीन विधायकों को तोड़ कर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी।

बिहार में जोड़ तोड़ की राजनीति नई नहीं है। इसकी शुरुआत नीतीश कुमार ने की थी। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के एकमात्र विधायक को जदयू में शामिल करा लिया गया था।

बेगूसराय ज़िले के मटिहानी से लोजपा की टिकट पर जीते विधायक राजकुमार सिंह को नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी में शामिल कराया था। ज्ञात रहे कि राजकुमार चिराग की पार्टी से जीते इकलौते विधायक थे।

इसके बाद मायावती की पार्टी BSP से इकलौते विधायक जमा खान को भी नीतीश कुमार ने जदयू में शामिल कराया। जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का पद दिया गया। जमा खान सासाराम के चैनपुर से BSP की टिकट पर विधायक बने थे।

इसे भी पढ़ें : झारखंड की सबसे कम उम्र की विधायक बनी शिल्पी नेहा तिर्की

नीतीश कुमार के द्वारा शुरू किए गये इस जोड़ तोड़ की राजनीति को आगे बढ़ाया भाजपा ने। भाजपा ने मुकेश सहनी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और स्वर्णा सिंह को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। राजू सिंह को मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से, मिश्री लाल को दरभंगा के अलीनगर से और स्वर्णा सिंह को दरभंगा के गौड़ाबौराम से VIP की टिकट पर जीत मिली थी।

राजद भी अब जोड़ तोड़ की राजनीति में

अब इस खेल में राजद भी कूद पड़ी है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पाँच में से चार विधायकों को राजद ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। अररिया के जोकिहाट से विधायक शाहनवाज, किशनगंज के बहादुरगंज से विधायक अंजार नईमी, किशनगंज के कोचाधामन से विधायक इजहार अस्फ़ी और पूर्णिया के बायसी से विधायक रुकनुद्दीन अब राजद में शामिल हो गये हैं। ग़ौरतलब है कि अब ओवैसी की पार्टी से बिहार में एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ही बचे है जिन्हें पूर्णिया के अमौर से जीत मिली है।

इस से पहले भाजपा 77 विधायकों के साथ बिहार की सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन अब तेजस्वी यादव की राजद 80 विधायकों के साथ बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है।