बीते तीन जून को भोजपुर जिले के सेवगार गाँव के एक दलित व्यक्ति को कुछ दबंगों ने इतना मारा कि उसकी जान चली गई। बुचुल पासवान उर्फ़ कामेश्वर राम को मजदूरी कराने के बहाने गया जिला ले जाया गया था।
बुचुल पासवान की पत्नी चंद्रावती देवी ने बताया है कि गाँव के कुछ लोग काम का झाँसा देकर बुचुल पासवान को गया जिला ले गये थे। मृतक की पत्नी ने दिनेश सिंह, विरेंद्र सिंह, उमेश सिंह, रोमित सिंह और रोहित सिंह को आरोपी ठहराया है।
चंद्रावती देवी ने बताया कि “मेरे पति से कुछ दिन काम करवाने के बाद उसे जान से मारने की नियत से लाठी-डंडे से पिटाई की गई। जिसके बाद उनकी हालत गंभीर हो गई। किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।”
पैकेट में रखा था मोबाइल नंबर
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुचुल पासवान की जेब में मोबाइल नंबर था। जिसके जरिए उसके परिवार से संपर्क किया गया। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। बुचुल के परिवार की तरफ से जब आरोपियों के घर जाकर इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने डपट दिया।
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जाति सूचक शब्दों का किया इस्तेमाल
चंद्रावती देवी का आरोप है कि उनके साथ गाली-गलौज की गई और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि “पाँचों आरोपियों ने चमार, दुसाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए धमकाया और कहा कि तुमको जो करना है, कर लो।”
मगध मेडिकल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान बुचुल पासवान की मौत हो गई। मरने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी को घटना की पूरी बात बताई थी।
दबंगो के द्वारा दलित व्यक्ति की हत्या का ये कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि इस परिवार को न्याय मिलता है या नहीं?
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