बिहार के बिहारशरीफ और सासाराम में हुई हिंसा लोकसभा चुनाव से पहले होने वाली एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है, ऐसा कहना है सुप्रीम कोर्ट के सिनियर वकील एडवोकेट महमूद प्राचा का। जिन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत की और नितीश कुमार को बचकर रहने की सलाह भी दी। बता दें की रामनवमी के मौके पर बिहार के कुछ जिलों में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने क्षेत्र का दौरा किया और मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा की प्रदेश में बिहारशरीफ और सासाराम में हुई घटनाओं का सबूत उनके पास है ये किसी बहुत बड़ी साजिश का हिंसा हैं। एक उचित समय आने के बाद इन घटनाओं को बेनकाब करूंगा। वहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री के बिहार दौरे पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा की बिहार में नितीश और लालू के खिलाफ साजिश रची जा रही है और हिंसा कराई जा रही है। वहीं उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को बचकर रहने की सलाह दी है और कहा है की वे यहां के नेताओं को मिसगाइड करते हैं। जिसे गंभीरता से लेने की बहुत जरूरत है।
दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने बिहार में हुई हिंसा सिर्फ नीतीश और तेजस्वी के ख़िलाफ़ एक साज़िश नही है बल्कि इसका असर पुरे देश पर पड़ेगा। जो आरएसएस बीजेपी , विश्व हिन्दू परिषद् और किसी तरह के दूसरे संगठन भी जिस तरह के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहते है ये उसकी एक कड़ी है। जिसके तहत विभिन्न प्रदेशों में ऐसी आतंवादी घटनाये कराई जाती है उसके पुख्ता सबूत हमारे पास है जिसका सही टाइम पर खुलासा करेंगे। लेकिन अब दो रास्ते हमारे पास नज़र आते हैं की ये सरकार हमर बात समझे की अमित शाह हिंसा कि इन घटनाओं के तुरंत बाद ही क्यों बिहार आये। क्या ये एक संयोग था या एक सुनियोजित साज़िश का हिस्सा था जो की एक होम मिनिस्टर को शोभा नई देती। वो शायद एच एम का मतलब का हैंग मैंन समझते हैं जिसके लिए वो लोगों पब्लिक स्पीचेस में लोगों को उल्टा लटका देने की बात करते हैं।